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शायरी

दोस्त और दोस्ती

इस मासूम चेहरे के अलग-अलग अंदाज हैं,
कभी उलझी कभी खोयी, एक बुलंद आवाज़ है,
बेवक़्त हँसती मुस्कुराती, एक हसीन परवाज़ है,
समंदर सी इसकी दुनिया है,
और हर बून्द में छुपे कई राज़ है।

चाँदनी का चाँद कहो या आफ़ताब,
मिट्टी की खुशबू है, इत्र या गुलाब,
रग-रग में है इसके ख़्वाब बेहिसाब,
दोस्ती की कसम, लड़की है लाज़बाब।

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