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कविता

यादें……

उन बीती यादों की कसक बार बार आती है,
 वो मीठी यादें हमें बहुत तडपाती है ,

काश कोई चुरा लाता उन लम्हों को 

और भर जाता दिल की जख्मो को 

इस जख्म के दर्द हमसे सहे नही जाते 

लहू बन के आंसू बहे चले जाते 

कोई नही जो इन जख्मो पर मरहम लगाते

सब इन जख्मो पर और नमक ही छिरक जाते ..
काश की वो लम्हे फिर से लौट आते ….

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