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कविता

CO RO NA / COVID-19

2019 में आया एक वायरस हरजाई,
उसके झांसे में आकर कितनो ने जान गवाँई,
डॉक्टरों ने किया हौसला अफजाई,
अंत में उन्होंने भी मुँह की खाई।

कोरोना नाम की ये विपदा आयी,
दुनिया भर में तबाही मचाई,
सबने की बहुत सफाई,
हाथों की जमकर की धुलाई।

सबने मास्क भी लगाया,
अपनों से दूरी तक बनाया,
ये अकड़ू कोरोना तब भी बाज़ न आया,
घुसकर जिंदा मानुस में अपनी जनसँख्या बढ़ाया।

बन्द पड़ा हर टाउन,
देश भर में लॉक डाउन,
परन्तु दिनों दिन बढ़ रहा हेड काउंट।

डॉक्टर्स हो रहे नाकाम,
चीन हो रहा बदनाम,
WHO कर रहा अवेयर करने का काम,
संसार चिन्तामयी, न जाने क्या होगा अंजाम।

लोग घर में बंद बौखला रहे,
कुछ टिक-टॉक बना रहे,
तो कुछ इंस्टा चैलेंज चला रहे,
कोई कहता नेटफ्लिक्स एंड चिल,
कहीं गो कोरोना गो चिल्ला रहे,
बात यहीं खत्म न हुई,
कुछ लोग तो कोरोना को भगवान बता रहे,
उसकी मूर्ति तक बना रहे,
और खीर पूरी भी चढ़ा रहे,
इतने से मन न भरा तो कुछ लोग फेक न्यूज़ फैला रहे।

एक तरफ दुनिया के डॉक्टर्स मेहनत से वैक्सीन बना रहे,
सरकार उनकी वाहवाही में थाली बजवा रही,
लोग घरों से ऊबकर सड़कों पर आ रहे,
पुलिस मजबूरन उनपर लाठी चला रही,
और दूसरी तरफ ये कोरोना,
तमाशा देख खूब खिलखिला रही।

हर कोई यहाँ असहाय है,
सब बहुत घबराये हैं,
थोड़ा सहो, घर में ही रहो,
हाथों की सफाई, लोगो से दूरी,
अब बस यही मात्र बचे रहने के उपाय हैं,
वरना बेटा, मौत सबके सर पर मंडराए है।

22 replies on “CO RO NA / COVID-19”

Literally it’s a very complicated time for everyone …..hopes are full but least a doubt is there …but everything’ll be well….it’s also my complicated hope ….

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