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कविता

लड़की या इंसान

माना Pink बहुत सुंदर है पर रॉयल ब्लू हमें भी पसंद है,
हाँ, rights तो बहुत दे दी है तुमने, पर जाकर देखो लाखों पंछी अभी भी पिंजरे में बंद हैं।
हो सकता है तुम्हें feminism गलत लगता हो,
लड़कियों को 33% reservation, ये बहुत चुभता हो।
अरे हम नहीं कहते reservation दो,
पर compitition की जगह education दो।
Please कोई इन्हें समता और समानता में फर्क समझाओ,
All are Equal, बोलकर कम से कम मज़ाक तो मत बनाओ।

लोगों को कहते सुना है, गावों में डर है, city तो safe है,
If I’m not wrong, निर्भया और जेसिका दिल्ली का ही तो case है।
छोटे कपड़ों में hot और सूट में आंटी,
Rights का क्या करें, बजाएं घंटी ?
लड़कों ने छेड़ा, ohh पुलिस को बुलाओ,
और पुलिस कहती है, case solve करना है ?
पहले लड़की को मेरी बिस्तर पे सुलाओ।
अब बताइये, ऐसी हालत में घंटा कोई लड़की बोलेगी,
प्लीज मुझे बचाओ ?

हाँ, ये सच है की लड़कियाँ भी boyfriend बनाती है,
उनके पैसे उड़ाती है और बिस्तर पर भी सुलाती हैं।
But let me correct, इसलिए नहीं की वो अपनी मर्यादा और संस्कार भूल जाती है।
और अगर भूल भी जाती है तो इसमें गलत क्या है,
लड़का करे तो कोई बात नहीं, लड़की करे तो फर्क क्या है ?
फिर भी अगर आप इसे गलत मानते हैं तो, मैं आपको बताती हूँ,
इसका कारण थोड़ा विस्तार में समझाती हूँ।
तो सुनिए,
घर से उतने पैसे नहीं मिलते जितना एक लड़के को दिए जाते हैं,
लड़के भी तो afterall घर के ही पैसे उड़ाते है।
Ohh! actually लड़की के घर वाले तो दहेज़ के लिए बचाते हैं,
BTW एक ही घर में ये भेद-भाव किये जाते हैं।
माना कुछ लड़के कमा कर भी उड़ाते है, पर don’t forget लड़कियों को हम कामाना कहाँ सिखाते हैं,
उन्हें तो हम बचपन से घर की responsiblities समझाते हैं, दूसरे घर भेजने की तयारी में लग जाते है।

Fuck the sentence, भगवान ने लड़के-लड़कियों को अलग बनाया है,
Please मुझे मिलवाओ जिस भगवान ने तुम्हें ये बताया है।
क्या है ये धर्म, जाती, और लिंग,
Ohh man! I hate these sling.
मुझे बहुत अफ़सोस है की आपकी सोच इतनी घटिया है,
आपको बता दूँ की ये लड़का-लड़की बस नया इंसान पैदा करने का एक ज़रिया है।
बहुत कह दिया, बस इतना कहना है,
हम भी इंसान हैं, बस इंसान की तरह रहना है।
Equality के पहले equity लाओ, ये भी एक सिफ़ारिस है,
उनकी जगह खुद को रखकर सोचो, हवस नहीं प्यार से देखो,
तुम लड़को से भी ये गुज़ारिस है।

18 replies on “लड़की या इंसान”

बहुत खूब श्रुति…
सोना लिखा है तुमने
भावनाओं को अद्भुत तरीके से कलमबद्ध किया ??

बहुत-बहुत धन्यवाद sir
आपने सराहा, बहुत बड़ी बात है।

बहुत खूब क्या निखारा है अपने सुंदर विचारो को

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